५ पुष २०८२, शनिबार
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तपाईं के खोज्दै हुनुहुन्छ ?
पानीको कहानी बोकेर चुरेवासी माइतीघरमा

काठमार्डैँ ।  ‘दुर दुर गेला पर भी पानी नही भेटैछ, आब कोना जीब ? ताहि लेल हम सब सरकारी घर (सिंहदरबार) मे विरोध करय लेल आयल छी ।’ अर्थात् टाढाटाढा गएर पनि पानी भेटिँदैन, हामी कसरी जिउने ? त्यसैले धर्ना दिन हामी सरकारी घर (सिंहदरबार) नजिक आएका हौँ । जनकपुर